पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के पाराचिनार इलाके में शिया और सुन्नी के बीच में भयंकर कत्लेआम मचा है
यह ठीक उसी प्रकार का कत्लेआम है जिस तरह का मणिपुर में मैंतेई और कुकी लोगों के बीच चल रहा है
शिया समुदाय के साथ ईरान खड़ा है ईरान में हथियार दे रहा है तो सुन्नियों के साथ तालिबान खड़ा है .. पाकिस्तान की सेना और पाकिस्तान की पुलिस पूरे इलाके से हट चुकी है और इस लड़ाई को अब ईरान समर्थित लोग और तालिबान समर्थित लोग लड़ रहे हैं
अब तक 40 से ज्यादा लोग मारे गए
लेकिन इस घटना से एक सीख यह है कि पाकिस्तान की सभी विपक्षी दल चाहे वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ही क्यों ना हो उसने या किसी भी विपक्षी दल ने अपने सरकार को कटघरे में खड़ा नहीं किया किसी ने प्रधानमंत्री पर सवाल नहीं उठाया बल्कि सब ने कहा कि इस मामले का एक हल निकलना चाहिए
वहीं भारत में मणिपुर की घटना जिसमें हाई मियालाड ने आग लगाई और सुप्रीम मियालाड ने उसमें पेट्रोल डाला उस घटना पर लोगों ने नरेंद्र मोदी को लपेटना शुरू कर दिया
भारत में ज्यादातर मियालाड के फेसले के बाद होते है और जब दंगे भड़क जाते हैं तब को वही मियालाड सरकार से सवाल पूछते है