GEETA VIDEO AND PANCHANG : गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय ३ कर्मयोग श्लोक ०८
आज का पंचांग
रविवार ०४/०६/२०२३
ज्येष्ठ पूर्णिमा, युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - पूर्णिमा सुबह 09:11 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅दिनांक - 04 जून 2023
⛅दिन - रविवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - ज्येष्ठ
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅नक्षत्र - अनुराधा प्रातः 05:03 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅योग - सिद्ध सुबह 11:59 तक तत्पश्चात साध्य
⛅राहु काल - शाम 05:41 से 07:22 तक
⛅सूर्योदय - 05:54
⛅सूर्यास्त - 07:22
⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:12 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 12:59 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - ज्येष्ठ पूर्णिमा, देवस्नान पूर्णिमा, संत कबीरजी जयंती
⛅विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है ।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹व्यापार में वृद्धि हेतु🔹
🔸रविवार को गंगाजल लेकर उसमें निहारते हुए २१ बार गुरुमंत्र जपें, गुरुमंत्र नहीं लिया हो तो गायत्री मंत्र जपें । फिर इस जल को व्यापार-स्थल पर जमीन एवं सभी दीवारों पर छिड़क दें । ऐसा लगातार ७ रविवार करें, व्यापार में वृद्धि होगी ।
🔹मंत्र से आरोग्यता🔹
🔸शब्दों की ध्वनि का अलग-अलग अंगों पर एवं वातावरण पर असर होता है । कई शब्दों का उच्चारण कुदरती रूप से होता है । आलस्य के समय कुदरती आ... आ... होता है । रोग की पीड़ा के समय ॐ.... ॐ.... का उच्चारण कुदरती ऊँह.... ऊँह.... के रूप में होता है । यदि कुछ अक्षरों का महत्त्व समझकर उच्चारण किया जाय तो बहुत सारे रोगों से छुटकारा मिल सकता है ।
🔹'अ' उच्चारण से जननेन्द्रिय पर अच्छा असर पड़ता है ।
🔸'आ' उच्चारण से जीवनशक्ति आदि पर अच्छा प्रभाव पड़ता है । दमा और खाँसी के रोग में आराम मिलता है, आलस्य दूर होता है ।
🔸'इ' उच्चारण से कफ, आँतों का विष और मल दूर होता है । कब्ज, पेड़ू के दर्द, सिरदर्द और हृदयरोग में भी बड़ा लाभ होता है । उदासीनता और क्रोध मिटाने में भी यह अक्षर बड़ा फायदा करता है ।
🔸'ओ' उच्चारण से ऊर्जाशक्ति का विकास होता है ।
🔸'म' उच्चारण से मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं। शायद इसीलिए भारत के ऋषियों ने जन्मदात्री के लिए 'माता' शब्द पसंद किया होगा ।
🔸'ॐ' का उच्चारण करने से ऊर्जा प्राप्त होती है और मानसिक शक्तियाँ विकसित होती हैं । मस्तिष्क, पेट और सूक्ष्म इन्द्रियों पर सात्त्विक असर होता है ।
🔸'ह्रीं' उच्चारण करने से पाचन-तंत्र, गले और हृदय पर अच्छा प्रभाव पड़ता है ।
🔸'ह्रं' उच्चारण करने से पेट, जिगर, तिल्ली, आँतों और गर्भाशय पर अच्छा असर पड़ता है ।
🔹 रविवार विशेष🔹
🔹 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🔹 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
🔹 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
🔹 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।
🔹 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।
🔹 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
🔹 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।
🔹 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।
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